‘लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’ हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।


हीरा के कथन से लेखक का दृष्टिकोण ज्ञात होता है कि उस समय समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी नहीं थी। वे पुरूषों द्वारा शोषित थीं। प्रेमचंद के मन में नारी जाति के प्रति सम्मान की भावना थी और ऐसा प्रेमचंद की साहित्यिक रचनाओं में भी आसानी से देखने को मिल जाता है। उनकी कहानी में नारी के सम्मान की बात होती है एवं यह भी बताया जाता है की नारी का स्थान समाज में सर्वोपरि है, वह पूजनीय है तथा हमें उनका सम्मान करना चाहिए। नारी के प्रति प्रेमचंद का दृष्टिकोण अत्यंत व्यापक है।


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